हिन्दी का कार्यालय एवं आम जीवन में करें अधिक से अधिक इस्तेमाल - प्रोफेसर कौशल किशोर
हिन्दी हमारी राजभाषा है और हिन्दी दिवस के अवसर पर विशेष पखवाड़ा मनाना एक प्रशंसा का विषय है ! लेकिन हिन्दी भाषा को सिर्फ हर वर्ष 14 सितम्बर को मनाए जाने वाले हिन्दी दिवस तक सिमित रखना उचित नहीं है ! ज़रूरत इस बात की है कि हम अपनी रोज़मर्रा के जीवन में हिन्दी भाषा का ज़्यादा-से-ज़्यादा प्रयोग करें साथ-ही-साथ कार्यालय में भी आधिकारिक कार्यों एवं फाइलों में इसका इस्तेमाल हमें करने की कोशिश करनी चाहिए ! वहीँ अपने घरों में हम अपने बच्चों को भी हिन्दी की पत्रिकाएँ जैसे चंपक, नंदन आदि पढ़ने को प्रेरित करें तभी हिन्दी को सही सम्मान मिल सकता है और इसके लिए हमें कोई विशेष दिवस मनाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ! ये बातें चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर कौशल किशोर ने अतिथि के तौर पर दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में आयोजित हिन्दी पखवाड़े के समापन समारोह में कही ! इस अवसर पर सीयूएसबी के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्लू) प्रोफेसर आतिश पराशर ने भी हिन्दी दिवस की विशेषताओं और हिन्दी भाषा से जुड़े पहलुओं को साझा किया ! उन्होंने कहा कि हिन्दी पखवाड़े के दौरान विवि के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों ने कार्यालय के कार्यों एवं फ़ाइलों में हिन्दी का प्रयोग करने का सराहनीय किया है और वे बधाई के पात्र हैं ! समापन समारोह में मंच पर वित्ताधिकारी श्री गिरीश रंजन और आंतरिक ऑडिट ऑफिसर श्री कुमार पंकज ने भी अपने विचार रखे !
विवि में 13 से 27 सितम्बर 2019 के बीच उपकुलसचिव श्री प्रतीश कुमार दास की देखरेख में हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया गया था ! पखवाड़े का औपचारिक उद्घाटन कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह की उपस्थिति में 13 सितम्बर को हिन्दी दिवस के साथ किया गया था ! वहीँ पखवाड़े के दौरान हिन्दी पर आधारित कई तरह की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई थी जिसमें अधिकारीयों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने उत्सुकता से भाग लिया ! पखवाड़े के समापन समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरुस्कृत किया गया और साथ ही साथ प्रमाणपत्र भी दिया गया ! 'राजभाषा हिन्दी : उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ" विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को सबसे पहले पुरुस्कृत किया गया ! शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ० न्रपेन्द्र वीर सिंह को प्रथम स्थान मिला, दूसरे स्थान पर डॉ० रितेश कुमार, सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग रहे, तीसरे स्थान पर जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) श्री मो० मुदस्सीर आलम रहे और चौथा स्थान सुनिश्चित करने के लिए श्री धीरेन्द्र सिंह, अनुभाग अधिकारी को सांत्वना पुरुस्कार दिया गया ! टिप्पण - प्रारूपण प्रतियोगिता में श्री धनजी प्रसाद (अवर श्रेणी लिपिक) को प्रथम पुरुस्कार मिला, श्री विनोद कुमार (सहायक) दूसरे स्थान पर रहे, श्री अरुण कुमार (सहायक) को तीसरा पुरुस्कार मिला जबकि सांत्वना पुरुस्कार श्री छोटे लाल को मिला ! प्रश्न - उत्तर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर श्री धीरेन्द्र सिंह रहे, जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर श्री धर्मेंद्र सिंह (अवर श्रेणी लिपिक) और श्री सतीश कुमार (निजी सहायक) को मिला, श्री सागर कुमार वर्मा (उच्च श्रेणी लिपिक) को सांत्वना पुरुस्कार दिया गया ! फाइलों पर सालभर मूल रूप से टिप्पण प्रतियोगिता में श्री धर्मेंद्र सिंह (अवर श्रेणी लिपिक) को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, दूसरे स्थान पर श्री अमित कुमार (अवर श्रेणी लिपिक) रहे, श्री मनीष कुमार (उच्च श्रेणी लिपिक) को तृतीय पुरुस्कार प्राप्त हुआ जबकि श्री नविन कुमार कन्नोजिया (अवर श्रेणी लिपिक) को सांत्वना पुरुस्कार दिया गया ! विद्यार्थियों के लिए आयोजित स्वरचित कविता पाठ में महेश कुमार प्रथम स्थान पर रहे, जबकि विनीत चतुर्वेदी एवं प्रियांशु त्रिपाठी क्रमशः दूसरे तथा तीसरे स्थान पर रहे, वहीँ सांत्वना पुरुस्कार संयुक्त तौर पर भावना भारती सोना दास को दिया गया !
समारोह के अंत में श्री प्रतीश कुमार दास ने सभागार में मौजूद अतिथियों, प्रतिभागियों एवं अन्य लोगों को हिन्दी दिवस पखवाड़े को सफल बनाने के लिए धन्यवाद् दिया !